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Business Loan Kya Hota Hai? Business Loan Kaise Milta Hai? बिज़नेस लोन ऑफर

ज़्यादातर बैंक/ NBFC सिक्योर्ड और अन-सिक्योर्ड, दोनों तरह के बिज़नेस लोन ऑफर करते हैं, जैसे लेटर ऑफ़ क्रेडिट, बिल डिस्काउंटिंग, इक्विपमेंट फाइनेंस, POS लोन, टर्म लोन, वर्किंग कैपिटल लोन, सरकारी योजनाओं के अंतर्गत लोन, ओवरड्राफ्ट आदि।

Business Loan के तहत प्रदान की जाने वाली न्यूनतम लोन राशि 10,000 रुपये से शुरू होती है जिसे स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB), या माइक्रो फाइनेंस संस्थानों (MFI) से प्राप्त किया जा सकता है। उधारकर्ता प्रमुख प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंकों और एनबीएफसी से 2 करोड़ रुपये तक का कोलैटरल- फ्री बिज़नेस लोन प्राप्त कर सकते हैं। स्टार्टअप और MSME के लिए भी प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर स्मॉल बिज़नेस लोन उपलब्ध है।

Business Loan: मुख्य बैंकों और NBFC की ब्याज दरें


Business Loan की ब्याज दरें (Business Loan Interest rates) 9.75% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं और आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर इन्हें तय किया जाता है।

नोट: ब्याज दरें, 3 अक्टूबर, 2023 के मुताबिक।

बिज़नेस लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर का महत्व

Business Loan एप्लीकेशन की मंज़ूरी में भी सिबिल स्कोर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये स्कोर दर्शाता है कि आपका क्रेडिट रिकॉर्ड कैसा रहा है और आपने अभी तक अपने लोन और क्रेडिट कार्ड को कैसे मैनेज किया है। आमतौर पर, बैंकों द्वारा 750 या ज़्यादा का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है। अगर आपका सिबिल स्कोर 650 या उससे कम है तो भी NBFC, स्मॉल फाइनेंस बैंक और माइक्रो फाइनेंस इंस्टिट्यूट से लोन मिलने की संभावना होती है।

बिज़नेस लोन लेने के लिए गैर- नौकरीपेशा पेशेवर, MSME, रिटेलर या निर्माणकर्ता आदि का सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए, ये सीमा सबके लिए अलग-अलग हो सकती है।

बैंक/ NBFC अलग-अलग प्रकार के बिज़नेस लोन जैसे, टर्म लोन, वर्किंग कैपिटल लोन, लैटर ऑफ़ क्रेडिट, ओवरड्राफ्ट, पीओएस लोन, आदि के मुताबिक भी सिबिल स्कोर सीमा तय करते हैं । इस तरह, बिज़नेस लोन के लिए कितना सिबिल स्कोर होना चाहिए, ये लोन के प्रकार और आवेदक के प्रकार पर निर्भर करता है।

जो लोग न्यू-टू क्रेडिट हैं, मतलब जिनका सिबिल स्कोर नहीं है, उन्हें भी लोन की मंज़ूरी के लिए सिबिल स्कोर बनाना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि कम सिबिल स्कोर वाले आवेदकों का लोन आवेदन नामंज़ूर होने की अधिक संभावना होती है। स्टार्ट-अप के लिए बिज़नेस लोन (Business Loan for Start-up) लेने के लिए ज़्यादा सिबिल स्कोर चाहिए होता है, क्योंकि उन्हें लोन देने में जोखिम ज़्यादा होता है। इसलिए, लोन मंज़ूरी की संभावना बढ़ाने के लिए एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाएं और मेंटेन करें।

Business Loan: योग्यता शर्तें


बिज़नेस कब से चल रहा हो: 1 वर्ष और ज़्यादा
मौजूदा बिज़नेस का न्यूनतम वार्षिक टर्नओवर 12 लाख रु. होना चाहिए
सिबिल स्कोर: 750 और ज़्यादा
आवेदक का पिछला लोन डिफ़ॉल्ट का कोई रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
योग्य आवेदक जो लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं
व्यक्ति, गैर- नौकरीपेशा पेशेवर, स्टार्ट-अप और छोटे और मध्यम व्यवसाय (MSME)
प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कम्पनियाँ, पार्टनरशिप फर्म, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप और निर्माण, व्यापार या सेवा क्षेत्र की बड़ी कम्पनियाँ
NGO, को-ऑपरेटिव सोसाइटी, ट्रस्ट, CA, डॉक्टर, आर्किटेक्ट, कंपनी सेक्रेटरी, डिज़ाइनर, आदि।

बिज़नेस लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेज


Business Loan के लिए अप्लाई करते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेज भी जमा करने पड़ सकते हैं:

आवेदक के KYC दस्तावेज जिनमें पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, यूटिलिटी बिल (बिजली/ पानी के बिल) शामिल हैं
पिछले 1 साल का बैंक स्टेटमेंट
नॉन-कोलैटरल ओवरड्राफ्ट की कॉपी, अगर कोई है
बिज़नेस इनकॉर्पोरेशन की कॉपी
बैंक/ लोन संस्थान द्वारा ज़रूरी कोई अन्य दस्तावेज

बिज़नेस लोन की फीस और शुल्क
बिज़नेस लोन की फीस और शुल्क (Business Loan Fee & Charges) हर बैंक में अलग-अलग हो सकते हैं। फीस और शुल्क लोन राशि, ब्याज दर और भुगतान अवधि पर निर्भर करते हैं।

महिलाओं के लिए विशेष लोन योजनाएं
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बैंकों ने महिला उद्यमियों को विशेष लोन योजनाएं देनी शुरू कर दी है। इन लोन योजनाओं में महिलाओं को ब्याज दर और सिक्योरिटी/ गारंटी में रियायत दी जाती है। कुछ बैंकों में महिला उद्यमियों के लिए विशेष विभाग भी हैं जहां उन्हें लोन योजनाओं के बारे में बताया जाता है, व्यवसाय संबंधी सलाह दी जाती है और ट्रेनिंग भी दी जाती है। वे महिला उद्यमी जिनकी हिस्सेदारी व्यवसाय में 50% से कम है, वे महिला विशेष लोन योजनाओं के लिए योग्य नहीं हैं।

महिला उद्यमियों के लिए कुछ लोकप्रिय लोन योजनाएं निम्नलिखित हैं:

महिला उद्यम निधि योजना
महिला समृद्धि योजना
सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया से सेंट कल्याणी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से श्रृंगार और अन्नपूर्णा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से स्त्री शक्ति पैकेज
बैंक ऑफ बड़ौदा से देना शक्ति योजना
उद्योगिनी योजना

भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली लोन योजनाएं
मुद्रा लोन योजना

PMRY: प्रधानमंत्री रोज़गार योजना
PMEGP: प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन योजना
CGTMSE: छोटे व्यवसायों के लिए क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट
59 मिनट में PSB लोन
स्टैंड-अप इंडिया
स्टार्ट-अप इंडिया
क्रेडिट-गारंटी योजना
CLCSS: क्रेडिट लिंक्ड गारंटी सब्सिडी स्कीम
नेशनल स्मॉल इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन सब्सिडी

बिज़नेस लोन के प्रकार
टर्म लोन कई प्रकार के होते हैं, जैसे- शॉर्ट-टर्म लोन, लॉन्ग-टर्म लोन और अन्य स्मॉल बिज़नेस लोन (Small Business Loan)। टर्म लोन के तहत जो राशि ऑफर की जाती है, वो आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल पर निर्भर करती है और इसका भुगतान 12 महीनों से 5 वर्ष तक में किया जा सकता है। ऊपर दिए गए प्रकारों के अलावा, टर्म लोन को दो भागों में बांटा जा सकता है, अन-सिक्योर्ड बिज़नेस लोन और सिक्योर्ड बिज़नेस लोन। सिक्योर्ड लोन के लिए बैंक में सिक्योरिटी/ गारंटी जमा करानी पड़ती है, जबकि अन-सिक्योर्ड लोन में कोई सिक्योरिटी जमा नहीं करानी होती है।

वर्किंग कैपिटल लोन (Working Capital Loan)
वर्किंग कैपिटल लोन व्यवसायों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है। अन्य कामों के लिए भी ये लोन लिया जा सकता है, जैसे- बिज़नेस को बढ़ाने के लिए, मशीनरी या उपकरण खरीदने के लिए, कच्चा माल खरीदने, किराया या कर्मचारियों को सैलरी देने, आदि के लिए।

लेटर ऑफ़ क्रेडिट (Letter of Credit)
लेटर ऑफ़ क्रेडिट का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में किया जाता है। एक उद्योग जो इम्पोर्ट-एक्सोर्ट का बिज़नेस करता है, उसे दूसरे देश के सप्लायरों के साथ काम करना होता है। इन सप्लायरों को ये गारंटी चाहिए होती है कि उन्हें समय पर उनका भुगतान मिल जाएगा, ये गारंटी उद्योग की ओर से बैंक लैटर ऑफ़ क्रेडिट जारी करके देता है।

इस लोन में व्यापारी अपने बिक्री के रिकॉर्ड के आधार पर लोन लेता है। व्यापारी को बैंक को ये रिकॉर्ड देना होता है कि पिछले कुछ महीनों में उसके यहाँ POS मशीन (जिस मशीन पर खरीदारी/ भुगतान के लिए डेबिट/ क्रेडिट कार्ड स्वाइप किया जाता है) पर कितना ट्रांजेक्शन हुआ है। इसी रिकॉर्ड के आधार पर बैंक व्यापारी को लोन देता है। इसमें लोन भुगतान के भी कई विकल्प होते हैं जैसे, व्यापारी हर महीने लोन का भुगतान करेगा या POS मशीन पर जो भी खरीदारी हो रही है, उसका कुछ हिस्सा व्यापारी और कुछ बैंक को चला जाएगा।

ओवरड्राफ्ट लोन (Overdraft Loan)
ओवरड्राफ्ट लोन में आपको एक ओवरड्राफ्ट अकाउंट दिया जाता है जिसके लिए सीमित राशि मंज़ूर की जाती है। आप उस सीमित राशि तक उस अकाउंट से जब चाहे तब पैसे निकाल सकते हैं। ब्याज केवल निकाली गई राशि पर लगेगा ना कि पूरी राशि पर। उदाहरण: अगर आपको 2 लाख रु. का ओवरड्राफ्ट मिला है और आपने उसमें से 1 लाख रु. निकालते हैं तो ब्याज केवल 1 लाख रु. पर ही लगेगा न कि 2 लाख रु. पर।

संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. इंस्टेंट बिज़नेस लोन (Instant Business Loan) लेने के लिए सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?
उत्तर: बैंक/ लोन संस्थान 750 से ज़्यादा सिबिल स्कोर को अच्छा मानते हैं।

प्रश्न. बिज़नेस लोन (Business Loan) की भुगतान अवधि कितनी होनी चाहिए?
उत्तर: अगर आप कोई शॉर्ट टर्म लोन ले रहे हैं तो भुगतान अवधि 12 महीनों से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं अगर आप बड़ा लोन ले रहे हैं तो आप 5 वर्ष तक की भुगतान अवधि चुन सकते हैं।

प्रश्न. नए उद्योग पर बिज़नेस लोन लेने के लिए GST का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: किसी भी उद्योग का GST भुगतान जितना ज़्यादा होता है तो उसका व्यवसाय भी उतना ही ज़्यादा चल रहा होता है। इसलिए बैंक इस तरह के उद्योगों पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं।

प्रश्न. बिज़नेस लोन (Business Loan) लेने के लिए किसी मौजूदा उद्योग का टर्नओवर कितना होना चाहिए?
उत्तर: बिज़नेस लोन के लिए किसी मौजूदा उद्योग का टर्नओवर हर बैंक/ NBFC में अलग-अलग हो सकता है। हालाँकि, जिन उद्योगों का न्यूनतम वार्षिक टर्नओवर 10 लाख रु. है, वे बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

प्रश्न. क्या कोई 21 वर्ष का व्यक्ति बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई कर सकता है?
उत्तर: कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे ज़्यादा है, बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई कर सकता है।

प्रश्न. बिज़नेस लोन (Business Loan) की प्री-क्लोज़र और पार्ट-पेमेंट फीस कितनी होती है?
उत्तर: बिज़नेस लोन की प्री-क्लोज़र और पार्ट-पेमेंट फीस हर बैंक/ लोन संस्थान में अलग-अलग होती है। कुछ बैंकों में ये फीस शून्य होती है, और लोन राशि की 5% तक जा सकती है।

प्रश्न. भारत सरकार कौन-कौनसी बिज़नेस लोन योजनाएं चलाती है?
उत्तर: भारत सरकार की कुछ मुख्य बिज़नेस लोन योजनाएं हैं, मुद्रा योजना, सिडबी लोन, CGTMSE, PMEGP, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, 59 मिनट में PSB लोन, NSIC, नाबार्ड, आदि।

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